Considerations To Know About sidh kunjika
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
This Mantra is created in the shape of the dialogue between a Expert and his disciple. This Mantra is understood to be The true secret into a tranquil condition of head.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत click here लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.
Swamiji states, “A persuasive wish is something that tends to make us get up and to the fullest potential assert ourselves to the furtherance of the intention. The key should be to deal with the mantras.”
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
कुंजिका पाठ मात्रेण, दुर्गा पाठ फलं लभेत्।